ठग आपकी मेहनत की कमाई में चूना न लगा सकें इसकी जिम्मेदारी आपकी है। पुलिस का काम जितना महत्वपूर्ण है उससे कम आपका नहीं। इस तरह की ठगी से बचने के कुछ ऐसे ही तरीके बता रहे हैं अमित मिश्रा:
लालच का फंदा एक, तरीके अनेक
- अफ्रीका या आसपास के देश में किसी अमीर वृद्ध का निधन हो गया है। उसकी लाखों की संपत्ति को कैश करवाने के लिए आपकी मदद चाहिए। आपको उसका फेक रिलेटिव बनना होगा। बस पहले कुछ पैसा इस दिए अकाउंट में भेजिए और कुल रकम का 10 फीसदी आपका।
- एक अफ्रीकी फर्म से चेक कैश करवाना है। आप फर्जी ठेकेदार बन जाइए और आधा माल आपका। बस कंपनी में रिश्वत देने के लिए कुछ पैसा भेजिए।
- एक अमीर बूढ़ी विधवा मृत्यु के करीब है। वह अपना पैसा चैरिटी में देना चाहती है। आपको मिल सकता है बस पहले आपको कुछ पैसे उसके वकील को ट्रांसफर करने होंगे।
- एक अमीर बिजनेसमैन आपके देश में बिजनेस में पैसा लगाना चाहता है। आप भी पार्टनरशिप कर सकते हैं। पहले कॉन्टैक्ट बनवाने के लिए कुछ पैसा वकील को ट्रांसफर करें।
- आपको पैसों से लबालब अकाउंट का एक एटीएम भेजा जाएगा जो आपके देश में आराम से चलेगा लेकिन भेजने वाला अपने यहां नहीं चला सकता। बदले में कुछ पैसे भेजिए। हो सकता है, एटीएम डिलीवर भी हो लेकिन वह केवल प्लास्टिक का टुकड़ा भर होगा।
कैसे पहचानें फर्जी लॉटरी
- हमेशा याद रखें कि दुनिया की कोई भी लॉटरी बिना खरीदे और आपके भाग लिए बिना आपको इनाम नहीं दे सकती। अक्सर इस तरह की लॉटरी किसी बड़े देश की लॉटरी अथॉरिटी का गलत नाम इस्तेमाल करती हैं।
- कोई भी लॉटरी आपकी पर्सनल जानकारी ईमेल से नहीं मांगेगी और आपको जीतने की सूचना भी मेल पर नहीं बल्कि पर्सनली देगी।
- इस तरह के फेक ईमेल और मेसेज अक्सर जीमेल, याहू या लाइव.कॉम की मेल सर्विस से आते हैं। करोड़ों का इनाम देने वाली कंपनी क्या पर्सनल ईमेल अड्रेस भी नहीं रखती।
- आपको मेसेज में अक्सर विदेश के नंबर दिए जाएंगे लेकिन हर जानकारी अक्सर लोकल नंबरों से ही दी जाती है।
- जिन नंबरों से मेसेज आते हैं, उनसे बात नहीं हो पाती है।
- पैसों को एक देश से दूसरे देश में ले जाने पर कई तरह की शर्तें और कानून लागू होते हैं। ऐसे में कोई कैसे आपको करोड़ों की रकम हाथोंहाथ नहीं दे सकता।
-कोई भी लॉटरी कंपनी इनाम की राशि पर आपकी तरफ से टैक्स नहीं भरेगी। ठग हमेशा यही कहते हैं कि आपके सभी टैक्स भरे जा चुके हैं और आपको केवल प्रोसेसिंग फीस ही देनी है।
- लॉटरी जीतने की खुशी बांटने को कभी भी कोई नहीं रोकेगा। एक बात और, छोटे से मनी ट्रांसफर के लिए एजेंसियां कई बार वेरिफिकेशन करती हैं तो इतना भारी मनी ट्रांसफर किसी को खबर लगे बिना तो संभव ही नहीं है।
कैसे निपटें इन ठगों से
- अगर कोई इस तरह से ऑफर देता है या आप ठगों के फंदे में फंस गए हैं तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाएं।
- अपने पास मौजूद हर मोबाइल नंबर और ईमेल अड्रेस जैसी डिटेल पुलिस को मुहैया कराएं।
- इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आपको इंटरनेट पर भी कई साइट्स मिल जाएंगी। कुछ ऐसी ही साइट्स है: www.consumerfraudreporting.org/UKNationalLottery.php और www.419scam.org/
- ऐसे मामलों की जांच आथिर्क अपराध शाखा करती है। मंदिर मार्ग पर स्थित इस अपराध शाखा में जाकर भी आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
-आर्थिक अपराध शाखा के जॉइंट कमिश्नर संदीप गोयल का कहना है कि लोग लालच में आकर ही इस तरह की ठगी का शिकार होते हैं। पहली बात तो लोग इस तरह के लालच से बचें और अगर कोई भी उन्हें इस तरह का प्रलोभन दे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। उनका यह भी कहना है कि अगर मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर और बैंक थोड़ी सतर्कता बरतें तो इस तरह की ठगी संभव ही नहीं है। लोग इस तरह की ठगी होने पर आथिर्क अपराध शाखा में acp-cybercell-dl@nic.in पर ईमेल के जरिए भी हमको सूचित कर सकते हैं।
क्यों नहीं पकड़े जाते ठग
लॉटरी से ठगी के किस्से कई बार दर्ज हुए लेकिन अभी तक कोई बड़ी मछली हाथ नहीं आई है। इसका कारण एजेंसियों में तालमेल की कमी और कहीं न कहीं जागरूकता में कमी भी कहा जा सकता है। जब पुलिस सूत्रों से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने सफलता न मिलने के कई तरह के कारण बताए:
- एक तो लोग इस तरह की शिकायत करने में देरी करते हैं जिससे ठग अपना काम अंजाम दे कर रफू चक्कर हो जाते हैं।
- कई बार इस तरह की ठगी में अफ्रीकी देशों का हाथ पाया गया है। सूत्रों के अनुसार उन देशों में इस बाबत लेटर ओ गेटरी भी भेजा गया लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।
- कई ऐसे देशों से भी इस तरह की ठगी के तार जुड़े पाए गए जहां से भारत की इस संबंध में कोई संधि नहीं है इसलिए ठगों पर शिकंजा नहीं पाया जा सका है।
- पूरी ठगी में अलग अलग मोबाइल नंबरों और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल शातिराना तरीके से किया गया है। सूत्रों के मुताबिक फोन नंबर फेक आईडी पर लिए गए होते हैं और बैंक अकाउंट भी फर्जी पते पर होते हैं।
- चूंकि इस पूरे मामले में पैसे की ठगी किसी अकाउंट नंबर से होती है इसलिए कहीं न कहीं बैंक की तरफ से भी सतर्कता की कमी पाई गई है।
- सूत्रों का कहना है कि जब खाते ट्रेस किए गए तो पता चला कि अकाउंट धारक का पता ही फेक है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।